साथ चले जब मौसम राही कभी बदल गए मौसम यही फिर याद रहे बसन्त हमारे ।। साथ चले जब मौसम राही कभी बदल गए मौसम यही फिर याद रहे बसन्त हमारे ।।
की थी क़ुबूल हमने दिखाई आपकी वह बेरुख़ी , न पाया कभी करार ,नज़र आपने जो फेर ली ! की थी क़ुबूल हमने दिखाई आपकी वह बेरुख़ी , न पाया कभी करार ,नज़र आपने जो फेर ...
बुनियाद तो उनकी हिलके रहेगी, रिश्तों में जिनके दरार है। बुनियाद तो उनकी हिलके रहेगी, रिश्तों में जिनके दरार है।
रात दिन मुझसे ही सवालों जवाब रहे देख ले पानी मेरे आज सर से गुजर गया। रात दिन मुझसे ही सवालों जवाब रहे देख ले पानी मेरे आज सर से गुजर गया।
एक कविता लिखी है मैंने, जिसमे तेरे होने की बात की है। एक कविता लिखी है मैंने, जिसमे तेरे होने की बात की है।
नज़र की बात करोगे सितमगर, तो एक राह जुड़ जाएगी नज़र की बात करोगे सितमगर, तो एक राह जुड़ जाएगी